देश की राजधानी दिल्ली, एक ऐसा शहर जो लाखों लोगों के सपनों को पंख देता है। लेकिन कभी-कभी इन्हीं सपनों की आड़ में कुछ ऐसे खौफनाक जाल बुने जाते हैं, जो इंसानियत को शर्मसार कर देते हैं। दिल्ली के सबसे व्यस्त इलाकों में से एक पहाड़गंज में एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने एक बार फिर भरोसे और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह कहानी है एक विवाहित महिला की, जिसे अच्छी नौकरी का सपना दिखाकर दिल्ली बुलाया गया और फिर चार दिनों तक होटलों के बंद कमरों में बंधक बनाकर उसकी अस्मत को तार-तार किया गया।
यह सनसनीखेज पहाड़गंज होटल कांड उस अंधेरे सच को उजागर करता है, जो सोशल मीडिया की चमक-दमक और अंजान लोगों पर भरोसे के पीछे छिपा है। आरोपी की हैवानियत का यह सिलसिला शायद और लंबा चलता, अगर पीड़िता ने हिम्मत न दिखाई होती। होटल के कमरे में लगे एक इंटरकॉम से निकली मदद की एक पुकार ने इस पूरे खौफनाक खेल का अंत कर दिया। आइए, इस पूरे मामले की तह तक चलते हैं और जानते हैं कि कैसे एक महिला के सपनों का सौदा किया गया और कैसे उसने खुद को इस नर्क से आजाद कराया।
सोशल मीडिया से होटल के बंद कमरे तक: भरोसे का खौफनाक अंत
इस पूरी घटना की जड़ें उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से जुड़ी हैं। 19 वर्षीय पीड़िता अपने पति के साथ वाराणसी में रहती थी, जहाँ उसका पति एक फैक्ट्री में मामूली मजदूरी करता था। घर की आर्थिक तंगी और एक बेहतर भविष्य की चाह ने उसे सोशल मीडिया पर अंजान लोगों से जुड़ने पर मजबूर किया। इसी साल जून के महीने में, सोशल मीडिया पर उसकी बातचीत सरफराज नाम के एक युवक से शुरू हुई।
कैसे बुना गया भरोसे का जाल?
सरफराज ने खुद को मजदूरों को काम पर लगाने वाला एक ठेकेदार बताया। बातचीत के दौरान जब पीड़िता ने उसे अपनी खराब आर्थिक स्थिति के बारे में बताया, तो सरफराज ने इसे ही अपना हथियार बना लिया। उसने महिला और उसके पति को दिल्ली में एक अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे इस परिवार के लिए यह प्रस्ताव किसी सुनहरे अवसर से कम नहीं था। उन्होंने सरफराज पर भरोसा कर लिया, यह जाने बिना कि यह भरोसा उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल साबित होने वाला है।
1 जुलाई को, पीड़िता अपने पति के साथ बेहतर जिंदगी के सपने संजोए दिल्ली पहुंची। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सरफराज ने उनका स्वागत किया और उन्हें पहाड़गंज के एक होटल में ठहराया। उस वक्त तक महिला और उसके पति को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि अगले कुछ घंटों में उनकी दुनिया पूरी तरह बदलने वाली है।
एक साजिश, एक बहाना और पति से जुदाई
सरफराज का असली खेल अगले ही दिन शुरू हुआ। उसने बड़ी चालाकी से एक बहाना बनाकर पीड़िता के पति को वापस वाराणसी भेज दिया। शायद उसने यह कहा होगा कि पहले महिला का काम पक्का हो जाए, फिर वह भी आ जाए, या कोई और कहानी गढ़ी होगी। पति के जाते ही सरफराज का असली और खौफनाक चेहरा सामने आ गया। उसने महिला को होटल के कमरे में बंधक बना लिया और उस पर अपनी दरिंदगी की शुरुआत कर दी।
जिस शख्स को महिला और उसका पति अपना मददगार समझ रहे थे, वह एक क्रूर शिकारी निकला। उसने महिला को जान से मारने की धमकी दी और उसके साथ दुष्कर्म किया। यह पहाड़गंज होटल कांड की वो खौफनाक शुरुआत थी, जिसने एक महिला की उम्मीदों को रौंद कर रख दिया।
चार दिन, कई होटल और दरिंदगी की इंतहा
पीड़िता के लिए अगले चार दिन किसी नरक से कम नहीं थे। आरोपी सरफराज बेहद शातिर था। वह पुलिस या होटल स्टाफ की नजरों से बचने के लिए लगातार होटल बदलता रहा, लेकिन उसने महिला पर अपना जुल्म जारी रखा।
- लगातार दुष्कर्म: पीड़िता के अनुसार, आरोपी ने लगातार चार दिनों तक उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया।
- पति को मारने की धमकी: जब भी महिला इस हैवानियत का विरोध करने की कोशिश करती, तो सरफराज उसे उसके पति को जान से मारने की धमकी देता। अपने पति की सलामती के डर से, वह चुपचाप यह जुल्म सहने पर मजबूर थी।
यह सिर्फ शारीरिक शोषण नहीं था, बल्कि एक गहरा मनोवैज्ञानिक आघात था। एक बंद कमरे में, एक अनजान शहर में, एक दरिंदे के चंगुल में फंसी महिला के लिए हर पल मौत जैसा था। वह हर पल इस कैद से बाहर निकलने का रास्ता खोज रही थी।
इंटरकॉम की एक घंटी… और टूट गया कैद का ताला
सोमवार का दिन पीड़िता के लिए उम्मीद की एक किरण लेकर आया। आरोपी सरफराज किसी काम से बाहर गया, लेकिन जाते-जाते उसने कमरे को बाहर से ताला लगा दिया। यही वह पल था, जिसका महिला को इंतजार था। उसने हिम्मत जुटाई और कमरे में लगे इंटरकॉम का इस्तेमाल किया।
- पति को लगाई गुहार: उसने सबसे पहले अपने पति को फोन किया और कांपती हुई आवाज में अपने साथ हुई पूरी दरिंदगी की कहानी सुनाई। उसने अपने पति से उसे बचाने की गुहार लगाई।
- पुलिस को किया फोन: परिजनों ने उसे तुरंत पुलिस को फोन करने की सलाह दी। इसके बाद महिला ने बिना देर किए 112 नंबर डायल किया और दिल्ली पुलिस को अपने बंधक होने और अपने साथ हुए दुष्कर्म की सूचना दी।
दिल्ली पुलिस का त्वरित एक्शन
सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस तुरंत हरकत में आई। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, महिला के होटल में बंधक होने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए एक टीम तुरंत बताए गए होटल पर पहुंची। पुलिस ने बिना समय गंवाए कमरे का दरवाजा तोड़ा और महिला को सुरक्षित बाहर निकाला। चार दिनों की कैद और असहनीय पीड़ा के बाद यह आजादी का पहला पल था।
आरोपी सलाखों के पीछे, लेकिन सवाल अभी बाकी हैं
पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपी सरफराज को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
लेकिन यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी पर खत्म नहीं होता। यह पहाड़गंज होटल कांड कई गंभीर सवाल खड़े करता है:
- क्या सरफराज एक अकेला शिकारी है? पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास है या नहीं। क्या वह इसी तरह नौकरी का झांसा देकर अन्य महिलाओं को भी अपना निशाना बना चुका है?
- होटलों की भूमिका: आरोपी चार दिनों तक अलग-अलग होटलों में महिला को लेकर घूमता रहा। क्या किसी भी होटल स्टाफ को कुछ भी संदिग्ध नहीं लगा? इस मामले में होटलों की लापरवाही की भी जांच होनी चाहिए।
- सोशल मीडिया का खतरा: यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया पर अंजान लोगों से दोस्ती और भरोसे के खतरों को उजागर करती है। यह एक सबक है कि ऑनलाइन दुनिया में हर चमकती चीज सोना नहीं होती।
यह मामला एक चेतावनी है उन हजारों लोगों के लिए जो बेहतर भविष्य की तलाश में बड़े शहरों का रुख करते हैं। सावधानी और जागरूकता ही ऐसे शिकारियों से बचने का सबसे बड़ा हथियार है। फिलहाल, पीड़िता पुलिस की सुरक्षा में है और न्याय की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन इस घटना ने जो जख्म दिए हैं, उन्हें भरने में शायद एक लंबा वक्त लगेगा।