एजबेस्टन का मैदान… एक ऐसा किला जहाँ इंग्लैंड को हराना लगभग नामुमकिन माना जाता था। लेकिन एक युवा कप्तान, जिसके कंधों पर पहले टेस्ट की हार का बोझ था, और एक तेज गेंदबाज, जो टीम के सबसे बड़े स्टार की गैर-मौजूदगी में अपनी पहचान बना रहा था, ने मिलकर इतिहास की एक नई पटकथा लिख दी। ‘एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी’ के तहत खेले जा रहे भारत बनाम इंग्लैंड दूसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 336 रनों के विशाल अंतर से रौंदकर एक ऐसी जीत दर्ज की है, जिसकी गूंज क्रिकेट जगत में लंबे समय तक सुनाई देगी।
इस शानदार जीत के साथ ही भारत ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली है। यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि पहले टेस्ट में मिली हार का करारा जवाब है। यह शुभमन गिल की कप्तानी में मिली पहली जीत है, यह विदेशी जमीन पर भारत की सबसे बड़ी टेस्ट जीत है, और यह एजबेस्टन के मैदान पर भारत की पहली टेस्ट विजय है। आईसीसी ने भी इस जीत को ‘शानदार’ बताते हुए इन ऐतिहासिक तथ्यों पर मुहर लगा दी है।
आइए, इस यादगार मैच की पूरी कहानी को परत-दर-परत समझते हैं और जानते हैं कि कैसे टीम इंडिया ने आलोचकों को चुप कराते हुए यह ऐतिहासिक वापसी की।
कप्तान का जवाब: जब शुभमन गिल ने बल्ले से बोला हमला
लीड्स में पहले टेस्ट की हार के बाद सबसे ज्यादा सवाल कप्तान शुभमन गिल पर उठ रहे थे। क्या टीम मैनेजमेंट ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद कप्तानी के लिए जल्दबाजी की? क्या गिल इस दबाव को झेल पाएंगे? इन तमाम सवालों का जवाब गिल ने अपने बल्ले से दिया।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए कप्तान ने एक ऐसी पारी खेली, जो सालों तक याद रखी जाएगी। उन्होंने पहली पारी में 387 गेंदों का सामना करते हुए 269 रनों की एक मैराथन और यादगार पारी खेली। इस पारी में 30 चौके और तीन छक्के शामिल थे, जो उनके धैर्य, तकनीक और समय आने पर आक्रामकता दिखाने की क्षमता का अद्भुत प्रमाण थे। यह सिर्फ एक दोहरा शतक नहीं था, बल्कि टीम के लिए एक मजबूत नींव थी, जिसने इंग्लैंड को मैच में शुरुआत से ही पीछे धकेल दिया।
गिल का बल्ला यहीं नहीं रुका। जब भारत दूसरी पारी में तेजी से रन बनाने उतरा, तो कप्तान ने एक बार फिर मोर्चा संभाला और महज 162 गेंदों पर 161 रनों की तूफानी पारी खेल डाली, जिसमें 13 चौके और आठ गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
गिल के बल्ले से टूटे रिकॉर्ड्स की झड़ी
इस एक मैच में शुभमन गिल ने इतने रिकॉर्ड बना दिए, जिन्हें गिनते-गिनते शायद रिकॉर्ड बुक भी थक जाए।
- एक टेस्ट में सर्वाधिक रन: गिल ने इस मैच की दोनों पारियों को मिलाकर कुल 430 रन बनाए। यह किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा एक टेस्ट मैच में बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है। उन्होंने सुनील गावस्कर (344 रन) और वीवीएस लक्ष्मण (340 रन) जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया।
- कप्तान के तौर पर पहली सीरीज में धमाल: बतौर कप्तान अपनी पहली ही टेस्ट सीरीज में गिल अब तक 585 रन बना चुके हैं। यह किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा अपनी पहली सीरीज में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। उन्होंने विराट कोहली (449 रन) का रिकॉर्ड तोड़ा।
- डबल सेंचुरी और सेंचुरी का डबल धमाका: गिल एक ही टेस्ट मैच में दोहरा शतक और शतक जड़ने वाले दुनिया के दसवें और सुनील गावस्कर के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं।
बुमराह की गैर-मौजूदगी में चमके ‘आकाश’ और ‘सिराज’
जब जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गज गेंदबाज टीम में न हों, तो किसी भी टीम की गेंदबाजी कमजोर नजर आ सकती है। लेकिन मोहम्मद सिराज और युवा आकाश दीप ने इस धारणा को पूरी तरह गलत साबित कर दिया। इन दोनों ने मिलकर इंग्लैंड के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस कर दिया।
आकाश दीप इस मैच के सबसे बड़े हीरो बनकर उभरे। उन्होंने मैच में कुल 10 विकेट (पहली पारी में 4 और दूसरी में 6) झटके। खासकर दूसरी पारी में जब इंग्लैंड 608 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरा, तो आकाश दीप ने अपनी स्विंग और रफ्तार से इंग्लिश बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
वहीं, मोहम्मद सिराज ने भी नई गेंद से शानदार जिम्मेदारी निभाई। उन्होंने पहली पारी में 6 विकेट लेकर इंग्लैंड को सस्ते में समेटने की नींव रखी। दूसरी पारी में भी उन्होंने खतरनाक जैक क्रावली को शून्य पर आउट कर भारत को बेहतरीन शुरुआत दिलाई। इस जोड़ी ने साबित कर दिया कि भारत की तेज गेंदबाजी का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।
कैसे ढह गया इंग्लैंड का किला: दूसरी पारी का रोमांच
608 रनों का लक्ष्य किसी भी टीम के लिए एवरेस्ट चढ़ने जैसा होता है। इंग्लैंड की टीम ने कोशिश तो की, लेकिन भारतीय गेंदबाजों के सामने उनकी एक न चली।
पारी के दूसरे ही ओवर में मोहम्मद सिराज ने जैक क्रावली को बिना खाता खोले पवेलियन भेजकर इंग्लैंड को पहला झटका दिया। इसके बाद जो शुरू हुआ, वह विकेटों के गिरने का सिलसिला था। आकाश दीप ने बेन डकेट और जो रूट जैसे बड़े बल्लेबाजों को जल्दी-जल्दी आउट कर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। इंग्लैंड की टीम कभी भी इस शुरुआती झटके से उबर नहीं पाई और पूरी टीम महज 271 रनों पर सिमट गई। आकाश दीप ने 6 विकेट लेकर इस जीत पर मुहर लगा दी।
मैच का पूरा लेखा-जोखा: भारत ने कैसे कसा शिकंजा
यह जीत किसी एक सत्र या एक दिन के खेल का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह पूरे पांच दिनों तक बनाए गए दबदबे का परिणाम थी।
पहली पारी: भारत का विशाल स्कोर
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत की शुरुआत सधी हुई रही। यशस्वी जायसवाल ने 87 रनों की बेहतरीन पारी खेली। लेकिन असली शो कप्तान गिल का था, जिनके 269 रनों ने भारत को एक विशाल स्कोर की ओर अग्रसर किया। अंत में रवींद्र जडेजा ने भी 89 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे भारत ने अपनी पहली पारी में 587 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया।
इंग्लैंड का संघर्ष और पलटवार
जवाब में इंग्लैंड की शुरुआत बेहद खराब रही। सिर्फ 84 रन पर उनकी आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। यहाँ से हैरी ब्रुक (158) और विकेटकीपर जैमी स्मिथ (नाबाद 184) ने एक शानदार साझेदारी कर इंग्लैंड को संभाला और टीम को 407 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। भारत के लिए सिराज ने 6 और आकाश दीप ने 4 विकेट लिए।
दूसरी पारी और भारत की निर्णायक घोषणा
पहली पारी में मिली 180 रनों की बढ़त के बाद भारत ने दूसरी पारी में तेजी से बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गिल (161), केएल राहुल (55), ऋषभ पंत (65) और जडेजा (69) के आक्रामक अर्धशतकों की बदौलत भारत ने 6 विकेट पर 427 रन बनाकर पारी घोषित कर दी और इंग्लैंड के सामने 608 रनों का लगभग असंभव लक्ष्य रखा, जिसे वे हासिल नहीं कर सके।
यह जीत टीम इंडिया के लिए एक टॉनिक की तरह है, जिसने न केवल सीरीज को बराबरी पर ला खड़ा किया है, बल्कि टीम के मनोबल को भी आसमान पर पहुंचा दिया है। अब सभी की निगाहें सीरीज के तीसरे टेस्ट पर होंगी, जहाँ मुकाबला और भी रोमांचक होने की उम्मीद है।