जब भी देश पर कोई संकट आता है या इंसानियत को सहारे की जरूरत होती है, तो एक नाम हमेशा उम्मीद की किरण बनकर सामने आता है – टाटा (Tata)। एक बार फिर, इस समूह ने अपनी दरियादिली और नैतिक जिम्मेदारी की मिसाल पेश की है। पिछले महीने अहमदाबाद में हुए दिल दहला देने वाले एयर इंडिया विमान हादसे के पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए टाटा संस और टाटा ट्रस्ट ने एक साथ मिलकर ₹500 करोड़ का एक विशाल कल्याण ट्रस्ट स्थापित करने की घोषणा की है।
यह कदम सिर्फ एक वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह उस भरोसे का प्रतीक है जो टाटा (Tata) समूह ने दशकों से भारत के लोगों के दिलों में बनाया है। ‘द AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ के नाम से स्थापित यह पहल उन सैकड़ों परिवारों को सहारा देगी, जिनकी जिंदगी इस भयानक त्रासदी ने हमेशा के लिए बदल दी है। आइए, जानते हैं कि टाटा समूह की इस मानवीय पहल के तहत पीड़ितों और उनके परिवारों को क्या-क्या सहायता प्रदान की जाएगी।
क्या है ‘द AI-171 मेमोरियल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’?
यह ट्रस्ट विशेष रूप से 12 जून को अहमदाबाद-लंदन एयर इंडिया फ्लाइट (AI-171) के दुर्घटनाग्रस्त होने से प्रभावित लोगों की मदद के लिए बनाया गया है। इस भयानक हादसे में विमान में सवार 260 लोगों और जमीन पर मौजूद 19 लोगों की जान चली गई थी। यह ट्रस्ट इन पीड़ितों के परिवारों को तत्काल और दीर्घकालिक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
₹500 करोड़ का योगदान: कैसे और कौन देगा?
इस ट्रस्ट के लिए कुल ₹500 करोड़ की विशाल राशि का योगदान टाटा (Tata) समूह की दो प्रमुख संस्थाओं द्वारा किया जाएगा:
- Tata Sons: ₹250 करोड़
- Tata Trust: ₹250 करोड़
यह भारी-भरकम राशि इस बात का प्रमाण है कि टाटा समूह इस त्रासदी से प्रभावित हुए हर एक व्यक्ति की मदद करने के लिए कितना प्रतिबद्ध है।
पीड़ितों के परिवारों को कैसे मिलेगी मदद?
ट्रस्ट की गतिविधियों को मुख्य रूप से परोपकारी उद्देश्यों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें कई तरह की वित्तीय और ढांचागत सहायता शामिल है।
हर मृतक के परिवार को ₹1 करोड़ की अनुग्रह राशि (Ex Gratia Payment)
ट्रस्ट का सबसे महत्वपूर्ण और तत्काल कदम इस हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को ₹1 करोड़ की अनुग्रह राशि प्रदान करना है। यह वित्तीय सहायता उस खालीपन को तो नहीं भर सकती जो एक अपने के जाने से पैदा होता है, लेकिन यह निश्चित रूप से उन परिवारों को तत्काल वित्तीय स्थिरता प्रदान करने में मदद करेगी जिन्होंने शायद अपना कमाने वाला सदस्य खो दिया है। यह कदम टाटा (Tata) समूह के मानवीय चेहरे को दर्शाता है।
घायलों का पूरा मेडिकल इलाज
इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। ट्रस्ट इन सभी घायलों के संपूर्ण मेडिकल इलाज का खर्च भी उठाएगा। इसमें अस्पताल का खर्च, सर्जरी, दवाएं और पुनर्वास (rehabilitation) से जुड़ी सभी जरूरतें शामिल होंगी, ताकि वे जल्द से जल्द एक सामान्य जीवन में वापस लौट सकें।
क्षतिग्रस्त इंफ्रास्ट्रक्चर का पुनर्निर्माण
यह विमान एक रिहायशी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिससे जमीन पर भी काफी नुकसान हुआ था। विशेष रूप से, बी. जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत को इस हादसे में काफी क्षति पहुंची थी। ट्रस्ट इस क्षतिग्रस्त हॉस्टल के बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में भी सहायता प्रदान करेगा। यह कदम दिखाता है कि टाटा (Tata) समूह सिर्फ अपने यात्रियों के प्रति ही नहीं, बल्कि उस समुदाय के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी समझता है जो इस दुर्घटना से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुआ है।
टाटा का यह कदम क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
टाटा (Tata) समूह का यह कदम कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण और सराहनीय है:
- नैतिक जिम्मेदारी का उदाहरण: एयर इंडिया अब टाटा समूह का हिस्सा है। इस ट्रस्ट की स्थापना करके, टाटा ने यह दिखाया है कि वह अपनी एयरलाइन से जुड़ी किसी भी त्रासदी के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेने से पीछे नहीं हटता है।
- मानवीय दृष्टिकोण: सिर्फ वित्तीय मुआवजा ही नहीं, बल्कि घायलों के इलाज और क्षतिग्रस्त इंफ्रास्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना, उनके मानवीय और समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।
- कॉर्पोरेट जगत के लिए एक मिसाल: ऐसे समय में जब कई कंपनियां अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश करती हैं, टाटा (Tata) का यह कदम पूरे कॉर्पोरेट जगत के लिए एक नई मिसाल कायम करता है कि संकट के समय अपने लोगों और समाज के साथ कैसे खड़ा होना चाहिए।
हादसे का संक्षिप्त विवरण
12 जून, 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। टेकऑफ के कुछ ही देर बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयानक हादसे में कुल 279 लोगों की जान चली गई, जिसमें विमान में सवार 260 लोग और जमीन पर मौजूद 19 लोग शामिल थे। इस हादसे की जांच अभी भी चल रही है, और इसकी शुरुआती रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है, जिसमें कई तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है।
लेकिन जांच और तकनीकी कारणों से परे, इस हादसे का एक मानवीय पहलू भी है, जो सैकड़ों परिवारों के दर्द और दुख से जुड़ा है। टाटा (Tata) समूह द्वारा स्थापित यह ट्रस्ट इसी दर्द को कम करने और उन परिवारों को यह विश्वास दिलाने की एक ईमानदार कोशिश है कि इस मुश्किल घड़ी में वे अकेले नहीं हैं। यह कदम एक बार फिर उस विश्वास को मजबूत करता है कि टाटा सिर्फ एक बिजनेस समूह नहीं, बल्कि देश के सुख-दुख का एक सच्चा साथी है।