नई दिल्ली: अब मां को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। भारत के रजिस्ट्रार जनरल (RGI) ने 12 जून 2025 को एक बड़ा फैसला लेते हुए देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ही प्रमाण पत्र तैयार कर सौंपा जाए।
इस आदेश का मकसद है – जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज़ और आम लोगों के लिए सरल बनाना।
क्या है बदलाव?
- जैसे ही बच्चे का जन्म पंजीकृत होगा, रजिस्ट्रार को 7 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र जारी करना होगा।
- सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में यह नियम तुरंत लागू होगा।
- मां को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले ही प्रमाण पत्र सौंपना अनिवार्य है।
पुरानी प्रक्रिया में क्या थी समस्या?
बीते वर्षों में कई गड़बड़ियां और देरी की शिकायतें सामने आई थीं।
मार्च 2025 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि लगभग 10% बच्चों के जन्म रजिस्टर ही नहीं हो रहे थे।
इस कारण कई माता-पिता को राशन कार्ड, स्कूल एडमिशन, पासपोर्ट या सरकारी योजनाओं में परेशानी होती थी।
नई प्रणाली कैसे करेगी मदद?
- अब सभी जन्म सीधे केंद्रीय सीआरएस पोर्टल पर दर्ज होंगे।
- सरकारी अस्पतालों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे रजिस्ट्रेशन के साथ ही सर्टिफिकेट जारी कर सकें।
- इससे बिना भागदौड़ के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र मिल सकेगा।
क्यों है यह ज़रूरी?
“देश के 50% से अधिक संस्थागत जन्म सरकारी अस्पतालों में होते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि हर नवजात को समय पर प्रमाण पत्र मिले।” – आधिकारिक बयान
लोगों को होगा सीधा लाभ:
- कोई अतिरिक्त फॉर्म या ऑफिस का चक्कर नहीं
- स्कूल, बैंक, पहचान पत्र के लिए तुरंत उपयोग
- सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में तेजी
- नागरिक डेटा की सटीकता बढ़ेगी
अब हर माता-पिता को मिलेगा समय पर उनका अधिकार – एक प्रमाण पत्र जो बच्चे के जीवन का पहला दस्तावेज़ होता है।